haryana election result 2024 – हरियाणा में चुपचाप कर दिया चमत्कार, जानें कौन हैं बीजेपी के ये चार चाणक्य
हरियाणा में एक बार फिर से बीजेपी सरकार बना रही है. लगभग पांच दशक बाद यहां कोई पार्टी जीत की ‘हैट्रिक’ बनाने जा रही है और ये सुखद परिणाम बीजेपी की सटीक रणनीति का नतीजा है. 10 साल की सरकार की एंटी इंकम्बेंसी और किसान, जवान तथा पहलवान से जुड़े तमाम मुद्दों को साधते हुए बीजेपी ने ये बड़ी जीत दर्ज की है. इसके पीछे बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व और प्रदेश के नेताओं के अलावा चार ऐसे प्रमुख नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने पर्दे के पीछे से इस जीत की स्क्रिप्ट लिखी है.
हरियाणा के चुनाव परिणाम ने तमाम राजनीतिक विश्लेषकों और एग्जिट पोल को गलत साबित कर दिया. बीजेपी नेता और समर्थकों के अलावा कोई नहीं कह रहा था कि इस बार यहां बीजेपी जीत पाएगी, लेकिन सात महीने पहले सीएम खट्टर को पद से हटाने से लेकर चुनाव के लिए एक-एक उम्मीदवार चुनने और मुद्दों पर काम करने तक, सधे कदमों के साथ बीजेपी ने आज फिर से जीत का स्वाद चखा और ये विजय इन नेताओं के अहम योगदान की वजह से ही संभव हो पायी.
1. विप्लव देव : प्रमुख चार नामों में पहला नाम है विप्लव देव का. उनको दो साल पहले विनोद तावड़े की जगह हरियाणा का प्रभारी बनाया गया था, जिसके बाद उन्होंने वहां की सरकार और राजनीतिक स्थिति को समझा और पिछले 7-8 महीने में सरकार हुए बड़े बदलाव के सूत्रधार बने. सरकार और संगठन चलाने का अनुभव रखने वाले विप्लव देव ने अपनी सटीक रणनीति से बीजेपी को लगातार तीसरी बार जीत दिलाई.
2. सुरेंद्र नागर : बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर को इसी साल हरियाणा का सह-प्रभारी बनाया गया था और वो पार्टी आलाकमान की उम्मीदों पर खड़े उतरे. प्रभारी विप्लव देव के साथ मिलकर उन्होंने यहां बीजेपी की जीत की कहानी लिखी. नागर का गुर्जर बिरादरी में बड़ा कद है, जिसका फायदा भी बीजेपी को मिला.
3. धर्मेंद्र प्रधान : केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विप्लव देव के साथ मिलकर जीत दिलाने को लेकर ऐसा दांव चला, जिससे विरोधी चारों खाने चित हो गए. उन्होंने लगातार हरियाणा का दौरा किया और वहां की जमीनी हकीकत से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराते रहे. उनकी सलाह पर कई बड़े निर्णय लिए गए, जो बाद में जीत के रूप में निकलकर सामने आया.
4. सतीश पुनिया : जाट नेता सतीश पुनिया को बीजेपी ने प्रदेश प्रभारी बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी. राजस्थान में अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी को जीत दिलाने के बाद उन्होंने हरियाणा में पार्टी का झंडा बुलंद किया. नेतृत्व ने उन पर भरोसा किया और उनके सियासी अनुभव का लाभ उठाया. पुनिया ने अपनी स्ट्रेटजी से हारते दिख रहे हरियाणा को बीजेपी की झोली में डाल दिया.
इन चारों ने दलितों को अपने पाले में लाने के लिए विशेष रूप से काम किया. कुमारी सैलजा की नाराजगी को बीजेपी ने अपने पक्ष में भुनाया. सीएम पद से खट्टर को हटाने का फैसला भी सही रहा. साथ ही खट्टर के चेहरे को प्रचार से दूर रखा गया, ताकि लोगों में उन्हें लेकर नाराजगी न हो. बीजेपी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल की ज्यादतियों और भ्रष्टाचार की लोगों को याद दिलाई. हरियाणा के सह प्रभारी सुरेंद्र नागर ने एनडीटीवी से कहा कि प्रदेश के लोगों को विश्वास दिलाया गया कि भ्रष्टाचार मुक्त और विकासोन्मुखी सरकार केवल बीजेपी ही दे सकती है.
हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है. सभी Exit Polls और राजनीतिक विश्लेषकों के आकलन गलत साबित हुए.