Mahatma Gandhi – 3D में जाने महात्मा गांधी कौन थे, उनकी हत्या का रहस्य, और बहुत कुछ अनसुने रोचक तथ्य जाने हमारे साथ
महात्मा गांधी का पारिवारिक जीवन उनके आदर्शों, संगीतन, और सामाजिक सेवा के सिद्धांतों के साथ भरा हुआ था। उनका व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन उनके नैतिकता, सद्भावना, और सदगुणों को प्रमोट करता था। गांधी जी का विवाह 1888 में कस्तुरबा (कस्तुरबाई माखनजी गांधी) के साथ हुआ था। उनका एक अच्छूत बेटा, हरिलाल, और एक अच्छूत बेटी, मनीलाल, होने के कारण, गांधी के पारिवारिक जीवन में समाज में स्वर्गिक स्थान धारित करने के लिए बहुत ही निर्दिष्ट नियम और आदर्श थे।
महात्मा गांधी ने परिवारिक सुखद अनुभूतियों को महत्वपूर्ण बनाए रखा, लेकिन उनका उद्दीपन समाज के प्रति उनके सद्भावना और सेवा भावना के साथ था। उनके परिवारिक जीवन में आत्मनिर्भरता, सादगी, और सामाजिक सेवा की भावना थी। गांधी जी के परिवार में हमेशा एक सान्निध्य और प्रेम रहा, लेकिन उनके आदर्शों और कार्यों का कारण, उनका पारिवारिक जीवन भी समाज में सामंजस्यपूर्ण और आदर्शपूर्ण था।
परिचय
महात्मा गांधी, जिनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात, में हुआ था, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता थे। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गांधी जी ने अपने जीवन में सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाया और भारतीय जनता को उत्कृष्टता और स्वतंत्रता की दिशा में मार्गदर्शन किया।
गांधी जी का शिक्षा में प्रारंभिक दौर भूतपूर्व में रहा, और उन्होंने विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनकी भारतीय समाज में जागरूकता और समर्पण की भावना से भरी जीवनी में, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मुस्लिमों के हक की रक्षा करते हुए सत्याग्रह की शुरुआत की। इसके बाद, वे भारत लौटे और वहां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेता बने।
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गांधी जी ने खुद को “सादी के महात्मा” कहकर सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का पालन किया और उन्होंने दूसरों को भी इस पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में चले गए आंदोलनों में से सबसे अधिक यादगार विशेषता सत्याग्रह और नमक सत्याग्रह हैं। महात्मा गांधी का सपना था कि भारत स्वतंत्र और समृद्धि की ऊंचाइयों को छूएगा, और उन्होंने इसे हासिल करने के लिए जीवन भर का समर्पण किया। उनकी मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई, लेकिन उनका आदर्श और विचार आज भी हमें प्रेरित कर रहे हैं और उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है।
महात्मा गांधी द्वारा किए गए कार्य
महात्मा गांधी ने अपने जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण कार्य किए :
1. **सत्याग्रह और अहिंसा:** गांधी जी ने सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाया और इन्हें अपने आंदोलनों का मूल तत्व बनाया।
2. **नमक सत्याग्रह:** भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण क्षणों में से एक था गांधी जी का नमक सत्याग्रह, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ नमक बनाने और बेचने के खिलाफ आंदोलन किया।
3. **खिलाफत आंदोलन:** गांधी जी ने खिलाफत आंदोलन के माध्यम से हिन्दू-मुस्लिम एकता की कल्पना की और खिलाफत समर्थन किया।
4. **स्वदेशी आंदोलन:** गांधी जी ने ब्रिटिश और उनके उत्पादों के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की, जिसमें वह भारतीय उत्पादों का प्रचार-प्रसार करने की आदर्शवादी दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते थे।
5. **हरिजन आंदोलन:** गांधी जी ने अपार्थेड के खिलाफ भारतीय समाज में उत्पन्न होने वाले असमानता के खिलाफ हरिजन आंदोलन किया और दलितों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रयास किए।
6. **बंदी छोड़ो आंदोलन:** गांधी जी ने ब्रिटिश राज के खिलाफ बंदी छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने भारतीय बंदियों की रिहाई के लिए संघर्ष किया।
इनके अलावा, गांधी जी ने आर्थिक स्वावलंबन, ग्राम स्वराज, शिक्षा, आराम, शुद्धता, और सर्वोदय के मूल्यों को बढ़ावा देने का कार्य किया। उनके कार्यों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को मजबूती प्रदान की और उन्हें राष्ट्रपिता के रूप में माना जाता है।
महात्मा गांधी की हत्या का रहस्य
महात्मा गांधी की हत्या का रहस्य उनकी मृत्यु के समय तीव्र रहा है। 30 जनवरी 1948 को, गांधी जी को न्यू दिल्ली के बीरला भवन में एक संघर्षरत नाथुराम गोडसे नामक प्रतिष्ठात्मक व्यक्ति ने गोली मारकर मार दिया।
गोडसे को महात्मा गांधी के आपत्तिजनक कदमों का निषेध करने वाला माना जाता था, और उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्ष में उनकी कई राजनीतिक रूप से विरोधी बातें बयान की थीं। इसके अलावा, उन्होंने नाथुराम गोडसे को भारत की विभाजनवादी दलों के प्रति आत्म-रक्षा का दावा करते हुए उनकी हत्या का उदाहरण बनाने की योजना बनाई थी।
गोडसे को बचाने की कोशिश में उसके साथीयों ने इसका जिम्मेदारी ली और उनमें से कई लोगों को फिर बाद में फाँसी की सजा सुनाई गई। महात्मा गांधी की हत्या ने देशभक्ति और सामाजिक समृद्धि की प्रचंड सांघर्ष्ट्र भावना को छूने में असफल रहा और इसने भारतीय इतिहास में एक अध्याय को दुखद रूप से समाप्त किया।
कौन था नाथूराम गोडसे जिसने गांधीजी को गोली मारी
नाथुराम गोडसे भारतीय राष्ट्रवादी और हिंदू महासभा के सदस्य थे जो महात्मा गांधी की हत्या करने के लिए दोषी ठहराए गए थे। उन्होंने महात्मा गांधी के प्रति अपने आपत्तिजनक विचारों के कारण विरोध और आत्मघाती हमले की योजना बनाई थी। गोडसे का मुख्य आरोप यह था कि उन्होंने महात्मा गांधी को हिन्दू-मुस्लिम एकता के पक्ष में उनके राजनीतिक स्थिति के कारण और उनके सामाजिक दृष्टिकोण के खिलाफ हत्या करने का निर्णय लिया था। गोडसे को बाद में सुनाई गई फाँसी की सजा हो गई थी।
आखिर गोडसे ने गोली क्यूं मारी
नाथुराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मारने का मुख्य कारण उनके नैतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण के विरुद्ध था। गोडसे ने अपने आत्मघाती हमले के पीछे कई कारण बताए, जिनमें उनका विरोध महात्मा गांधी के प्रति उनके नैतिक दृष्टिकोण, हिन्दू-मुस्लिम एकता के कारण और उनके राजनीतिक निर्णयों की विरोधी भावना शामिल थीं।
गोडसे ने अपने आत्मघाती हमले के पहले भी कई बार महात्मा गांधी के खिलाफ राजनीतिक रूप से विरोध जताया था, और उन्हें उनके सामाजिक दृष्टिकोण के खिलाफ था। इसके अलावा, गोडसे ने अपने आत्मघाती हमले के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की रूपरेखा की आवश्यकता पर जोर दिया और उनका मानना था कि महात्मा गांधी ने उसे व्यक्तिगत और राष्ट्रीय स्तर पर आत्मा का बलिदान करने का उत्तरदाता बना दिया। इसके अलावा, गोडसे ने अपने आत्मघाती हमले के बाद उच्च न्यायालय में अपना कारण प्रस्तुत किया और उसने अपनी हत्या को धर्म, राष्ट्रवाद, और आत्मरक्षा के लिए एक प्रकार के कर्मयुद्ध के रूप में देखा।