Himachal News – चिंतपूर्णी मंदिर के विस्तारीकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने किया वर्चुअल शिलान्यास
चिंतपूर्णी मंदिर के विस्तारीकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल शिलान्यास किया। इस उद्घाटन से मंदिर के विकास का नया मार्ग दर्शित हुआ। वर्चुअल शिलान्यास ने लोगों को आत्मनिर्भरता और धार्मिक एकता की दिशा में प्रेरित किया। इस प्रयास से सांस्कृतिक विरासत के सुरक्षण और विकास में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24.55 करोड़ की लागत से माता चिंतपूर्णी मंदिर के विस्तार कार्य का वर्चुअल शिलान्यास करने से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी। इस पहल का उद्देश्य तीर्थयात्रियों के लिए समग्र अनुभव और सुविधा को बढ़ाना है, जो धार्मिक पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वर्चुअल शिलान्यास समारोह के लिए पर्यटन मंत्रालय ने बाबा माई दास सदन में बड़ी स्क्रीन के जरिये लाइव कार्यक्रम दिखाया. इस दौरान विधायक सुदर्शन बब्लू, पूर्व विधायक एवं भाजपा जिला अध्यक्ष बलवीर चौधरी, एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर, एसडीएम विवेक महाजन, मंदिर अधिकारी अजय मंडियाल, सुरक्षा अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल मनीष शर्मा, प्रधान पंचायत छपरोह शशि बाला, ब्लॉक समिति सदस्य मीनू शर्मा, पूर्व प्रधान तिलक राज कालिया, पूर्व प्रधान विनोद कालिया आदि मौजूद रहे।
काशी विश्वनाथ और तिरूपति बालाजी की तर्ज पर होगा कायाकल्प
काशी विश्वनाथ और तिरूपति बालाजी की तर्ज पर होने वाले कायाकल्प में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माता चिंतपूर्णी मंदिर के विस्तार के लिए 24.55 करोड़ रुपये की लागत से वर्चुअल शिलान्यास किया है। इस कार्यक्रम के दौरान, श्रद्धालुओं को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगे। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंदिर के विस्तार और सौंदर्यीकरण के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ेगी और इसका लाभ सभी को मिलना चाहिए। इस प्रकार, काशी विश्वनाथ और तिरूपति बालाजी के प्रति कायाकल्प, अयोध्या, वाराणसी, वैष्णो देवी धार्मिक स्थलों की तर्ज पर होगा, और इसके लाभ स्थानीय लोगों और व्यापारियों को भी प्राप्त होगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने चिंतपूर्णी मंदिर के विस्तार और सौंदर्यीकरण के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ने की उमीद की थी। वह कहते हैं कि चिंतपूर्णी मंदिर का कायाकल्प काशी विश्वनाथ, तिरूपति बालाजी, अयोध्या, वाराणसी, और वैष्णो देवी धार्मिक स्थलों की तर्ज पर होना चाहिए। इसके लाभ स्थानीय लोगों और व्यापारियों सहित सभी को प्राप्त होना चाहिए। इस प्रकार, मंदिर के विस्तार और सौंदर्यीकरण के कारण, श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ेगी और इसके लाभ सभी को मिलेगा।