Sakat Chauth Vrat Katha : इस व्रत कथा के बिना अधूरा है सकट चौथ का व्रत , जरूर पढ़ें ये कहानी

Sakat Chauth Vrat Katha : इस व्रत कथा के बिना अधूरा है सकट चौथ का व्रत , जरूर पढ़ें ये कहानी

Sakat Chauth Vrat Katha : इस व्रत कथा के बिना अधूरा है सकट चौथ का व्रत , जरूर पढ़ें ये कहानी

हिंदू धर्म में सकट चौथ का दिन बेहद खास माना जाता है. इस दिन भगवान गणेश के साथ सकट माता की भी आराधना की जाती है. इस व्रत को स्त्रियां अपने पति और संतान की दीर्घायु और सफल जीवन के लिए करती हैं. यह व्रत व्यक्ति के सभी प्रकार के संकटों का नाश करता है इसलिए इस दिन को संकटमोचन भी कहते हैं. महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर गणेश भगवान की पूजा करती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कुछ व्रत कथा सुनने से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और गणेश भगवान का आशीर्वाद बना रहता है. ऐसे में चलिए जानते हैं सकट चौथ व्रत से जुड़ी कहानियां.

Sakat Chauth Vrat Katha : इस व्रत कथा के बिना अधूरा है सकट चौथ का व्रत , जरूर पढ़ें ये कहानी
Sakat Chauth Vrat Katha : इस व्रत कथा के बिना अधूरा है सकट चौथ का व्रत , जरूर पढ़ें ये कहानी

सकट चौथ पूजा विधि

व्रत वाले दिन सुबह सुबह सिर धोकर नहा लें और हाथों में मेंहदी लगाएं. सफेद तिल और गुड़ के तिलकुट बनाएं. एक पटरे पर जल का लौटा, रोली, चावल, एक कटोरी में तिलकुट और रुपये रखें. जल के लौटे पर रोली से सतिया बनाकर 13 टिक्की करें. चौथ और गणेश जी की कहानी सुनें. इस दौरान थोड़ा सा तिलकुट हाथ में ले लें. कहानी सुनने के बाद एक कटोरी में तिलकुट और रुपये रखकर सासू जी को देकर पैर छू लें. जल का लौटा और हाथ में रखें तिल उठाकर रख दें. रात को चांग को देखकर इसी जल से चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलें. जो व्रत कहानी सुनाएं उसे कुछ रुपये और तिलकुट दें. व्रत खोलते समय तिलकुट और शकरकंद जरूर खाएं.

सकट चौथ व्रत कथा

एक बार गणेश जी बाल रूप में थोड़े से चावल और एक चम्मच दूध लेकर पृथ्वी पर भ्रमण के लिए निकले. पृथ्वी पर वे सबसे कहते घूम रहे थे कि कोई मेरी खीर बना दो लेकिन किसी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया. तभी एक गरीब बुढ़िया ने उनकी आवाज सुनी और उनकी खीर बनाने के लिए तैयार हो गई. बुढ़िया के मानने पर गणेशजी ने घर का सबसे बड़े बर्तन में खीर बनाने को कहा. गणेश जी की बाल लीला समझते हुए बुढ़िया ने घर का सबसे बड़ा भगोना चूल्हे पर चढ़ा दिया.

गणेश जी ने जब वो मुठ्ठी भर चावल और दूध भगोने में डाले तो भगोना पूरा भर गया. गणेशजी उस बुढ़िया से बोले कि अम्मा जब खीर बन जाए तो मुझे आवाज दे देना. इसके बाद बुढ़िया के बेटे की बहू ने चुपके से उस भगोने से एक कटोरी खीर चुरा ली और एक कटोरी खीर छिपाकर रख ली. खीर तैयार होने के बाद बुढ़िया ने गणेश जी को आवाज लगाई. इसके बाद गणेश जी वहां पहुंचे और बोले कि मैंने तो खीर पहले ही खा ली. बुढ़िया ने पूछा कि तुम तो बाहर गए तो तुमने कब खाई तो गणेश जी बोले जब तुम्हारी बहू ने खाई. बुढ़िया को इस बात का पता चला तो उसने गणेश जी से इस पर माफी मांगी.

इसके बाद बुढ़िया ने गणेश जी से पूछा कि बाकी बची खीर का अब क्या करें, तो गणेश जी ने कि इसे नगर में बांट दो और जो बचें उसे अपने घर की जमीन में दबा दो. इतना कहकर गणेश जी वहां से चले गए. अगले दिन जब सोकर बुढ़िया उठी तो उसने देखा कि उसकी झोपड़ी महल में बदल गई है और खीर के बर्तन सोने, जवाहरातों से भरे हुए हैं. भगवान गणेश की कृपा से गरीब बुढ़िया का घर धन दौलत से भर गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from best-gk-hub.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Lava Storm 5G – मार्केट में धूम मचाने लावा का ये शानदार 5g स्मार्टफोन, फीचर्स जान रह जायेंगे दंग Farmers Day – राष्ट्रीय किसान दिवस 2023 जानें क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय किसान दिवस OPPO A59 5G : स्लिम बॉडी डिजाइन के साथ भारत में लॉन्च हुआ Oppo A59 5G, जानिए कीमत और दमदार फीचर्स Samsung Galaxy S24 Ultra to offer 24-megapixel default camera output resolution Technology : टेक्नोलॉजी मार्केट में लॉन्च हुआ 50 मेगा पिक्सल के साथ 6जीबी रेम वाला धमाकेदार स्मार्टफोन, जाने फीचर्स
Enable Notifications OK No thanks