Women – काशी में महिलाएं ने दिखाया अद्वितीय साहस, 55 महिलाओं ने दान कीं आंखें
काशी में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी उनके बढ़ते सशक्तिकरण को दर्शाती है। पिछले पांच वर्षों में काशी में 9,295 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किए हैं, जो सड़कों पर उनकी बढ़ती उपस्थिति और पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान माने जाने वाले कार्यों में शामिल होने की उनकी इच्छा को दर्शाता है।
शिव की नगरी काशी में शक्ति स्वरूपा नारी की दखल तेजी से बढ़ रही है। इस आध्यात्मिक शहर में महिलाओं का साहस और ऊर्जा का आभास है। उनके योगदान से समाज में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पिछले पांच सालों में वाराणसी में 9,295 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किए हैं और अब वे शहर की सड़कों पर वाहन चला रही हैं। शहर में महिलाओं के नाम पर 40,000 दोपहिया और चार पहिया वाहन पंजीकृत हैं। महिला चालकों की संख्या में यह उछाल न केवल महिला सशक्तिकरण की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है, बल्कि वाराणसी में अधिक समावेशी और विविध सड़क उपयोगकर्ताओं की ओर बदलाव का भी संकेत देता है।
वाराणसी में महिलाओं के नाम जमीन और संपत्ति लेने का क्रेज भी तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2021-22 में 18102, अगले वर्ष 2022-23 में करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और 22665 महिलाओं के नाम बैनामे हुए। यह संख्या 2023-24 में बढ़कर 24,221 पहुंच गई है। देहदान जैसे कठिन निर्णय में 90 दानदाताओं में 26 महिलाएं शामिल हैं। महिलाओं की शिक्षा दर में बढ़ोतरी हुई और पांच वर्ष पहले 71.34 फीसदी से बढ़कर शिक्षा दर 75.55 फीसदी पर पहुंच गई है।
- रक्तदान: वाराणसी में एक वर्ष में 43 हजार रक्तदाताओं ने रक्तदान किया है। इसमें सात हजार महिलाएं हैं। पिछले वर्ष रक्तदाताओं की संख्या 38 हजार थी, इसमें महिलाएं 5500 ही थी।
- नेत्रदान: वर्ष 2023-24 में 100 लोगों ने नेत्रदान किया। इसमें 65 महिलाएं हैं। पिछले वर्ष महिलाओं की संख्या-50 ही थी। नसबंदी- वर्ष 2023-24 में 8 हजार 51 महिलाओं ने नसबंदी कराई। इसमें पुरुषों की संख्या महज 237 थी। वर्ष 2022-23 में 9 हजार 263 महिलाओं ने नसबंदी कराई और पुरुषों की संख्या 98 थी। नसबंदी कराने वाली महिलाओं में 98 फीसदी शिक्षित महिलाएं हैं।
- वृद्धाश्रम : जिले दो वृद्धाश्रम में 60 महिलाएं और 41 पुरुष हैं। वर्ष 2021 में महिलाओं की संख्या 52 थी। दो वर्ष में आठ महिलाएं बढ़ी हैं।
- पुलिस : जिले में तैनात 6400 पुलिसकर्मियों में महिला कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर की संख्या 695 है।
भारतीय कानून की दिव्या, 14 महिला न्यायिकों
जज और 300 नियमित महिला वकीलों की मौजूदगी उल्लेखनीय है। इसके अलावा, सेंट्रल और बनारस बार एसोसिएशन में 300 महिला वकील सदस्य हैं। यह न्यायालय प्रणाली के भीतर कानूनी पेशे में महिलाओं के महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व को दर्शाता है।