टेली कम्युनिकेशन – जियो का कहना है कि सेंटर को 2जी बंद करने के लिए पॉलिसी बनानी चाहिए, मैनीक्योरिस्ट को 4जी/5जी पर शिफ्ट करना है
केंद्र की नजर साल 2024 में यानी इस साल 4जी और 5जी के सभी स्वदेशी उपकरणों पर है। इस मामले में केंद्र की नीति निवेश को हासिल करना और विदेशी नीति के प्रमुख भागों के रूप में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है। भारत की प्रौद्योगिकी प्रौद्योगिकी में केन्या, मॉरीशस, पापुआ, न्यू गिनी और मिस्र जैसे कई देशों में अपनी रुचि दिखाई गई है।
लॉजिस्टिक डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बिग स्टैंडर्ड को बताया, ‘भारत से कम से कम 15 ग्लोबल लॉजिस्टिक और नौ देशों से कम से कम 15 देशों से कम से कम,15 देशों से बड़े पैमाने पर पूछताछ की जाती है। इन सभी छात्रों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा और भारत का शैक्षणिक विभाग 2024 के अंतिम चरण में विदेश में अपना रास्ता तलाशेगा।’
सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलिकॉमिट्स (सी-डॉट) के नेतृत्व में कंसोर्टियम का गठन किया गया है जो कि टेलीकॉम विभाग के अधीन काम करता है। इसकी तकनीक के प्रति वैश्विक रुचि है। सी-डॉट के अधिकारी ने बताया, ‘हमें कई तकनीकी पूछताछ प्राप्त हुई हैं। एक बार उपकरणों में पूरी तरह से इस्तेमाल होने के बाद हम व्यावसायिक रूप से लॉन्च करना शुरू कर देंगे। ये उपकरण वैबश्विक सहयोगियों को पूरा करते हैं और हम प्रतिभागियों के लिए समय तय कर रहे हैं।’
सरकार ने 2022 के बाद सामांय और उससे जुड़ी प्रौद्योगिकी की पूरी श्रृंखला को अन्य देशों के लिए पेश किया। सरकार ने जी20 डिजिटल इंडस्ट्री की परिचर्चा के दौरान टेक्नोलॉजी की व्यापक रूप से मार्केटिंग की। भारत ने 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका और फ्रांस यात्रा के दौरान भी इसे पेश किया था। सरकार की इच्छा है कि भारत को ग्लोबल लॉजिक के क्षेत्र में अच्छी स्थिति में पेश किया जाए ताकि देश में मूल्य श्रृंखलाएं हासिल की जा सकें और इसके माध्यम से अधिक निवेश हासिल किया जा सके।
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अभी केवल पांच देशों – अमेरिका, स्वीडन, फ़िनलैंड, दक्षिण कोरिया और चीन के पास 4जी – 5जी के अंतिम छोर तक के उपकरण हैं। इन देशों में 4जी और 5जी के यंत्रों के मानक, दाम और बाजार की स्थितियाँ तय होती हैं। स्वीडन की दिग्गज कंपनी एरिक्सन, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल दोनों मिलकर 5जी का आधारभूत ढांचा स्थापित कर रही हैं।
सरकारी वकील बीएसएनएल 4 जी को लॉन्च किया जा रहा है। इससे पहले तीन निजी सरकारी सेवाएँ सहयोगी रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और बंधक शुरू कर चुके हैं। 4जी टेक्नोलॉजी की प्रमुख मांग पार्ट्स। असल में, 750 से अधिक मोबाइल नेटवर्क खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वैश्विक उद्योग निकाय जीएसएम एसोसिएशन (जीएसएमए) के अनुसार उप सहारा अफ्रीका में 4जी की पहुंच 22 प्रतिशत से कम है। आने वाले पांच वर्षों में रीच रिच से और अधिक होने की उम्मीद है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘इस क्षेत्र में ब्याज की दुकान दिखाई देती है। भारत द्वारा आयोजित वर्ल्ड ऑफ ग्लोबल साउथ कमेटी के दौरान कई देशों ने टेक्नोलॉजी टेक्नोलॉजी तक पहुंच की मांग की थी।’ हालाँकि जीएस एमए ने अनुमान लगाया था कि 2023 में 30 नए व्यवसायों में 5जी बिजनेस शामिल होंगे।